September 14, 2023 6 minutes read
Table of Contents
प्रस्तावना (Introduction)
नवरात्रि, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो देवी दुर्गा की पूजा और आराधना के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर नवरात्रि के प्रथम दिन, मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हम यहां आपको प्रथम दिन की पूजा विधि का विस्तार से बताएंगे। नवरात्रि के द्वितीय दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। हम यहां आपको द्वितीय दिन की पूजा विधि का विस्तार से बताएंगे
दिन 1: मां शैलपुत्री की पूजा
पूजा विधि (Vidhi)
- पहले दिन, मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए, सबसे पहले एक शुद्ध और स्वच्छ स्थान चुनें।
- मूर्ति या चित्रित फोटो मां शैलपुत्री की पूजा के लिए तैयार करें।
- पूजा की तिथि और समय चुनें।
- पूजा करने से पहले, ध्यान से हाथ और मुख धोकर शुद्धि बनाएं।
- उपयुक्त सामग्री को तैयार करें, जैसे कि फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, और धर्मिक ग्रंथ।
- मां शैलपुत्री की मूर्ति या चित्रित फोटो के सामने बैठें और श्रद्धा भाव से पूजा करें।
- मंत्रों के साथ धूप और दीप जलाएं और नैवेद्य चढ़ाएं।
सामग्री (Items Required)
- मूर्ति या चित्रित फोटो मां शैलपुत्री की
- फूल, धूप, दीप, अदरक, सुपारी, कोयले, पूजा की थाली, चावल, दूध, घी, नैवेद्य के लिए खाना
- धर्मिक ग्रंथ
- पूजा के लिए कपड़े और कुशा आसन
आरती (Aarti)
- मां शैलपुत्री की आरती का पाठ करने से घर में खुशहाली और सुख-शांति की वातावरण बनता है।
सुबह और शाम की आरती (Morning and Evening Aarti)
- प्रातः और सायंकाल, मां शैलपुत्री की आरती का पाठ करें।
मंत्र (Mantra)
इस दिन, मां शैलपुत्री की पूजा में निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करना शुभ माना जाता है:
मां शैलपुत्री मंत्र:
- "वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
- वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम्।"
इस मंत्र का जाप करने से मां शैलपुत्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रसाद (Prasad)
- मां शैलपुत्री की पूजा के बाद, प्रसाद तैयार करें। इसमें चावल, दूध, और घी का भोग शामिल होता है। इसे मां की मूर्ति के सामने रखकर देवी को अर्पण करें। फिर यह प्रसाद घर के सभी सदस्यों को बांटें।
व्रत (Fasting)
- नवरात्रि के पहले दिन, अन्न और आलू के व्रत का पालन करें। आलू और अन्न का सेवन करें और मां शैलपुत्री की कृपा प्राप्त करें। यह व्रत आज के दिन रखा जाता है।
क्या करें और क्या नहीं (Dos and Don'ts)
- इस पवित्र दिन पर, सत्य, आचार्य की सेवा, और दिनबद्ध व्रत का पालन करना शुभ माना जाता है।
- सात्विक आहार खाने का प्रयास करें और विशेष रूप से आलू और अन्न का व्रत रखें।
- इस दिन शुभकामनाओं के साथ दीवारों और घर को सजाएं।
- क्रूरता, बुराई, और अनैतिकता से दूर रहें।
आवासीय सम्बंध (Links to Websites)
इस तरह, आप मां शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र, और व्रत के साथ इस पवित्र दिन का आराधना कर सकते हैं। यह आपके जीवन में खुशियों की बढ़ोतरी और सुख-शांति लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
दिन 2: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
द्वितीय दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए, सबसे पहले एक शुद्ध और स्वच्छ स्थान चुनें। मूर्ति या चित्रित फोटो मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए तैयार करें। पूजा की तिथि और समय चुनें। पूजा करने से पहले, ध्यान से हाथ और मुख धोकर शुद्धि बनाएं। उपयुक्त सामग्री को तैयार करें, जैसे कि फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, और धर्मिक ग्रंथ। मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्रित फोटो के सामने बैठें और श्रद्धा भाव से पूजा करें। मंत्रों के साथ धूप और दीप जलाएं और नैवेद्य चढ़ाएं।
सामग्री (Items Required)
- मूर्ति या चित्रित फोटो मां ब्रह्मचारिणी की
- फूल, धूप, दीप, अदरक, सुपारी, कोयले, पूजा की थाली, चावल, दूध, घी, नैवेद्य के लिए खाना
- धर्मिक ग्रंथ
- पूजा के लिए कपड़े और कुशा आसन
आरती (Aarti)
- मां ब्रह्मचारिणी की आरती का पाठ करने से घर में खुशहाली और सुख-शांति की वातावरण बनता है।
सुबह और शाम की आरती (Morning and Evening Aarti)
- प्रातः और सायंकाल, मां ब्रह्मचारिणी की आरती का पाठ करें।
मंत्र (Mantra)
- इस दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करना शुभ माना जाता है:
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र:
- "दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
- देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।"
इस मंत्र का जाप करने से मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त होती है।
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र:
- "दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
- देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।"
इस मंत्र का जाप करने से मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त होती है।
प्रसाद (Prasad)
- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के बाद, प्रसाद तैयार करें। इसमें चावल, दूध, और घी का भोग शामिल होता है। इसे मां की मूर्ति के सामने रखकर देवी को अर्पण करें। फिर यह प्रसाद घर के सभी सदस्यों को बांटें।
व्रत (Fasting)
- नवरात्रि के द्वितीय दिन, अन्न और खीर के व्रत का पालन करें। खीर बनाकर मां की पूजा के बाद चढ़ाएं।
क्या करें और क्या नहीं (Dos and Don'ts)
- इस पवित्र दिन पर, सत्य, आचार्य की सेवा, और दिनबद्ध व्रत का पालन करना शुभ माना जाता है।
- सात्विक आहार खाने का प्रयास करें और विशेष रूप से खीर का व्रत रखें।
- इस दिन शुभकामनाओं के साथ दीवारों और घर को सजाएं।
- अहिंसा, सत्य, और पवित्रता के गुणों का पालन करें।
आवासीय सम्बंध (Links to Websites)
इस तरह, आप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र, और व्रत के साथ इस पवित्र दिन का आराधना कर सकते हैं। यह आपके जीवन में खुशियों की बढ़ोतरी और सुख-शांति लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
दिन 3: मां चंद्रघंटा की पूजा
पूजा विधि (Vidhi)
पूजा की तिथि और समय चुनें, जो सुबह के समय होना बेहद शुभ माना जाता है। एक शुद्ध और स्वच्छ स्थान चुनें, जहां आप पूजा कर सकते हैं। मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्रित फोटो को एक सुंदर स्थान पर रखें। पूजा की थाली तैयार करें और उसमें अदरक, सुपारी, कोयले, धूप, दीप, चावल, दूध, घी, और नैवेद्य के लिए खाना रखें। पूजा के लिए उपयुक्त धार्मिक ग्रंथ, कपड़े, और कुशा आसन तैयार करें। ध्यान से हाथ और मुख धोकर शुद्धि बनाएं और उपयुक्त वस्त्र पहनें। मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्रित फोटो के सामने बैठें और श्रद्धा भाव से पूजा करें। मां की मूर्ति को पानी, दूध, और देसी घी से अभिषेक करें। मंत्रों के साथ धूप और दीप जलाएं, और नैवेद्य चढ़ाएं।सामग्री (Items Required)
- मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्रित फोटो
- फूल, धूप, दीप, अदरक, सुपारी, कोयले, पूजा की थाली, चावल, दूध, घी, नैवेद्य के लिए खाना
- धर्मिक ग्रंथ
- पूजा के लिए कपड़े और कुशा आसन
आरती (Aarti)
- मां चंद्रघंटा की आरती का पाठ करने से घर में खुशहाली और सुख-शांति की वातावरण बनता है।
सुबह और शाम की आरती (Morning and Evening Aarti)
- प्रातः और सायंकाल, मां चंद्रघंटा की आरती का पाठ करें।
मंत्र (Mantra)
मां चंद्रघंटा मंत्र:
- "पिण्डजप्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
- प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता।"
इस मंत्र का जाप करने से मां चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त होती है।
प्रसाद (Prasad)
- मां चंद्रघंटा की पूजा के बाद, प्रसाद तैयार करें और इसमें चावल, दूध, और घी का भोग शामिल होता है। इसे मां की मूर्ति के सामने रखकर देवी को अर्पण करें, और फिर यह प्रसाद घर के सभी सदस्यों को बांटें।
व्रत (Fasting)
- नवरात्रि के तीसरे दिन, अन्न और दूध के व्रत का पालन करें। दूध का व्रत रखकर मां की पूजा के बाद चढ़ाएं।
क्या करें और क्या नहीं (Dos and Don'ts)
- इस पवित्र दिन पर, धर्मिक ग्रंथों का पाठ करना, सेवा, और दिनबद्ध व्रत का पालन करना शुभ माना जाता है।
- आहार में सात्विक आहार का पालन करें, और विशेष रूप से दूध का व्रत रखें।
- इस दिन घर को सजाने, दीवारों को अलंकृत करने, और देवी के सामने फूल और दीपक सजाने में विशेष ध्यान दें।
- अहिंसा, सत्य, और पवित्रता के गुणों का पालन करें, और अपने मन, वचन, और क्रियाओं को देवी के आदर्शों के अनुसार रखें।
इस तरह, आप मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र, और व्रत के साथ इस पवित्र दिन का आराधना कर सकते हैं, जिससे आपके जीवन में खुशियों की बढ़ोतरी और सुख-शांति आ सकती है।
समापन (Conclusion)
नवरात्रि के पहले दिन का आराधना करने से हम मां शैलपुत्री के आशीर्वाद का स्वागत करते हैं और अपने जीवन में खुशियों और समृद्धि की ओर बढ़ते हैं। इस विशेष दिन को श्रद्धा भाव से मनाने से हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है।
यह आराधना गाइड आपके लिए मां शैलपुत्री की पूजा के लिए सहायक हो सकता है, और आपको इस धार्मिक आयोजन का अच्छा अनुभव प्रदान कर सकता है।